Showing posts with label कथा. Show all posts
Showing posts with label कथा. Show all posts

Thursday, February 28, 2019

सोमवार व्रत कथा एवं व्रत विधि


सोमवार व्रत कथा एवं व्रत विधि
पहले समय में किसी नगर में एक धनी व्यापारी रहता था। दूर-दूर तक उसका व्यापार फैला हुआ था। नगर के सभी लोग उस व्यापारी का सम्मान करते थे। इतना सब कुछ से संपन्न होने के बाद भी वह व्यापारी बहुत दुखी था, क्योंकि उसका कोई पुत्र नहीं था। जिस कारण अपने मृत्यु के पश्चात् व्यापार के उत्तराधिकारी की चिंता उसे हमेशा सताती रहती थी। पुत्र प्राप्ति की इच्छा से व्यापरी प्रत्येक सोमवार भगवान शिव की व्रत-पूजा किया करता था और शाम के समय शिव मंदिर में जाकर शिवजी के सामने घी का दीपक जलाया करता था। उसकी भक्ति देखकर मां पार्वती प्रसन्न हो गई और भगवान शिव से उस व्यापारी की मनोकामना पूर्ण करने का निवेदन किया। भगवान शिव बोले- इस संसार में सबको उसके कर्म के अनुसार फल की प्राप्ति होती है। जो प्राणी जैसा कर्म करते हैं, उन्हें वैसा ही फल प्राप्त होता है।


Tuesday, January 8, 2019

बुध के जन्म की कथा



बुध के जन्म की कथा
पौरोणिक कथानकों के अनुसार -
श्रीकृष्ण बोले — प्रजापति (ब्रह्मा) की पुत्री जो वृत्रासुर की कनिष्ठा भगिनी है 'तारा' नाम से विख्यात है । उस त्रैलोक्य सुन्दरी को उन्होंने देवों के आचार्य बृहस्पति को सविधान अर्पित किया । यद्यपि उस सुन्दरी तारा के रूपलावण्य द्वारा वे दोनों अत्यन्त मदन व्यथित थे तथापि वह अन्य स्त्रियों की भाँति बृहस्पति की सेवा करती थी । 

उस विशाल लोचना को, जो सौन्दर्य के निधान एवं मुग्धहास करने वाली थी, देखते ही चन्द्रमा काम पीडित होने लगे । उन्होंने संकेत करते हुए उससे मधुर शब्दों में कहा — तारा! आओ, आओ! विलम्ब न करो ।