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Monday, November 19, 2018

तुलसी गीता

॥ तुलसीगीता ॥

॥ श्रीभगवानुवाच ॥
प्राग्दत्वार्घं ततोऽभ्यर्च्य गन्धपुष्पाक्षतादिना ।
स्तुत्वा भगवतीं तां च प्रणमेद्दण्डवद्भुवि ॥ १॥

तुलसीकवचम्

॥ तुलसीकवचम् ॥

कवचं तव वक्ष्यामि भवसङ्क्रमनाशनम् ।
यस्य जापेन सिद्ध्यन्ति सर्वार्था नातियत्नतः ॥ १॥

तुलसीकवचम्

॥ तुलसीकवचम् ॥

श्रीगणेशाय नमः ।
अस्य श्रीतुलसीकवचस्तोत्रमन्त्रस्य श्रीमहादेव ऋषिः अनुष्टुप्छन्दः श्रीतुलसी देवता मम ईप्सितकामनासिद्ध्यर्थं जपे विनियोगः।।

श्रीतुलसी अष्टोत्तरशत नामावली

॥ श्रीतुलसी अष्टोत्तरशतनामावली ॥

तुलसी Basil

तुलसी का पौधा
तुलसी - (ऑसीमम सैक्टम) एक द्विबीजपत्री तथा शाकीय, औषधीय पौधा है। यह झाड़ी के रूप में उगता है और १ से ३ फुट ऊँचा होता है। इसकी पत्तियाँ बैंगनी आभा वाली हल्के रोएँ से ढकी होती हैं। पत्तियाँ १ से २ इंच लम्बी सुगंधित और अंडाकार या आयताकार होती हैं। पुष्प मंजरी अति कोमल एवं ८ इंच लम्बी और बहुरंगी छटाओं वाली होती है, जिस पर बैंगनी और गुलाबी आभा वाले बहुत छोटे हृदयाकार पुष्प चक्रों में लगते हैं। बीज चपटे पीतवर्ण के छोटे काले चिह्नों से युक्त अंडाकार होते हैं। नए पौधे मुख्य रूप से वर्षा ऋतु में उगते है और शीतकाल में फूलते हैं। पौधा सामान्य रूप से दो-तीन वर्षों तक हरा बना रहता है।