गोरोचन
गोरोचन का रस तिक्त होता है | यह गुण में रुक्ष है। गोरोचन का वीर्य उष्ण होता है। पचने पर गोरोचन का विपाक कटु होता है। गोरोचन पित्त सारक होता है एवं यह वात एवं कफ का शमन करने वाला होता है।
गोरोचन का औषध प्रयोग
गोरोचन बच्चों के रोगों में उपयोगी होता है। इसके अलावा शिरोरोग, रक्त की कमी, पीलिया, अपस्मार, उन्माद आदि में गोरोचन का प्रयोग किया जाता है।
गोरोचन की सेवन मात्रा : 125 मिलीग्राम से 500 मिलीग्राम तक प्रयोग कर सकते हैं।
घर में गोरोचन रखने के लाभ
1. धन की कमी नहीं रहती।
2. असफलता द्वार पर दस्तक नहीं देती।
3. घर में पीड़ा नहीं आती।
4. घर में सरस व मधुर वातावरण बना रहता है।
5. संतानहीनता, दरिद्रता और क्लेश से छुटकारा मिलता है।
गोरोचन का रस तिक्त होता है | यह गुण में रुक्ष है। गोरोचन का वीर्य उष्ण होता है। पचने पर गोरोचन का विपाक कटु होता है। गोरोचन पित्त सारक होता है एवं यह वात एवं कफ का शमन करने वाला होता है।
गोरोचन का औषध प्रयोग
गोरोचन बच्चों के रोगों में उपयोगी होता है। इसके अलावा शिरोरोग, रक्त की कमी, पीलिया, अपस्मार, उन्माद आदि में गोरोचन का प्रयोग किया जाता है।
गोरोचन की सेवन मात्रा : 125 मिलीग्राम से 500 मिलीग्राम तक प्रयोग कर सकते हैं।
घर में गोरोचन रखने के लाभ
1. धन की कमी नहीं रहती।
2. असफलता द्वार पर दस्तक नहीं देती।
3. घर में पीड़ा नहीं आती।
4. घर में सरस व मधुर वातावरण बना रहता है।
5. संतानहीनता, दरिद्रता और क्लेश से छुटकारा मिलता है।