Thursday, December 6, 2018

गोरोचन

गोरोचन
 गोरोचन का रस तिक्त होता है | यह गुण में रुक्ष है। गोरोचन का वीर्य उष्ण होता है। पचने पर गोरोचन का विपाक कटु होता है। गोरोचन पित्त सारक होता है एवं यह वात एवं कफ का शमन करने वाला होता है।
 गोरोचन का औषध प्रयोग
 गोरोचन बच्चों के रोगों में उपयोगी होता है। इसके अलावा शिरोरोग, रक्त की कमी, पीलिया, अपस्मार, उन्माद आदि में गोरोचन का प्रयोग किया जाता है।
 गोरोचन की सेवन मात्रा : 125 मिलीग्राम से 500 मिलीग्राम तक प्रयोग कर सकते हैं।
 घर में गोरोचन रखने के लाभ
 1. धन की कमी नहीं रहती।
 2. असफलता द्वार पर दस्तक नहीं देती।
 3. घर में पीड़ा नहीं आती।
 4. घर में सरस व मधुर वातावरण बना रहता है।
 5. संतानहीनता, दरिद्रता और क्लेश से छुटकारा मिलता है।

 गोरचन तिलक करने का मंत्र :
 1. ॐ शांति शांति सर्वारिष्टनाशिनिस्वाहा ||
 2. ॐ ऐं ह्रीं क्लीं नमः योगमायायै मम् वश्यं कुरु कुरु स्वाहा
 3. ॐ श्रीं श्रीयै नम:
 गोरोचन के प्रयोगः-
 १॰ गोरोचन के अनेक उपयोग हैं जिनमें से सबसे ज्यादा प्रचलित उपयोग वशीकरण का है। गोरोचन के साथ सिंदूर और केसर को बराबर मात्रा में मिलाकर एक चांदी की डिबिया में भरकर रखें। प्रतिदिन सूर्योदय के समय इसका तिलक करने से वशीकरण प्रभाव में जबर्दस्त तरीके से वृद्धि होती है।
 २॰ आर्थिक स्थिति सुधारने और धन-धान्य की प्राप्ति के लिए गोरोचन को एक चांदी की डिबिया में भरकर अपने पूजा स्थान में रखें और रोज देवी-देवताओं की तरह इसकी भी पूजा करें। इससे घर में बरकत आने लगती है।
 ३॰ घर में यदि कोई वास्तु दोष है तो वह दूर हो जाता है। घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।
 ४॰ घर में कोई सदस्य बीमार है तो रविवार या मंगलवार के दिन एक छोटा चम्मक गुलाब जल में थोड़ा सा गोरोचन मिलाकर उस व्यक्ति को पिला दें। गोरोचन का तिलक प्रतिदिन बीमार व्यक्ति को लगाएं तो जल्द ही वह स्वस्थ होने लगेगा।
 ५॰ मिर्गी या हिस्टीरिया के मरीज को गुलाबजल में थोड़ा गोराचन घिसकर तीन दिन तक पिलाने से रोग में आराम मिलता है। लेकिन यह प्रयोग किसी जानकार की देखरेख में ही करें।
 ६॰ समस्त कामनाओं की पूर्ति के लिए गोरोचन को रवि पुष्य नक्षत्र में पंचोपचार पूजन कर चांदी या तांबे के ताबीज में भरकर अपने गले में धारण कर लें। इससे कार्यों में आने वाली बाधाएं समाप्त होंगी और सारी मनोकामनाएं पूरी होंगी।
 ७॰ गोरोचन की स्याही बनाकर इससे भोजपत्र पर मोरपंख की कलम से सिद्ध बीसा यंत्र लिखकर पंचोपचार पूजन करके चांदी के ताबीज में बांधकर अपने पास रखें। इससे आर्थिक संकट दूर हो जाता है।
 ८॰ कुछ तांत्रिक लोग गोरोचन का प्रयोग जमीन में गड़ा धन पता करने के लिए भी करते हैं। इसके लिए अमावस्या की रात्रि में निर्जन स्थान पर गोरोचन को विशेष साधना के जरिए सिद्ध किया जाता है। फिर विशेष पद्धति से इसका काजल बनाया जाता है। जो व्यक्ति उस काजल को अपनी आंख में लगाता है उसमें जमीन में दबा धन पता करने की शक्ति आ जाती है।
 ९॰ केले में गोरोचन मिलाकर लेप बनाएं और इसे मस्तक पर लगाने से आकर्षण शक्ति प्राप्त होती है।
 १०॰ सवा दो ग्राम शुद्ध गोरोचन और सवा दो ग्राम काली गंधक को पीले रेशमी कपड़े मॆ बाँधकर लाभ के चौघडिया मे शुक्रवार के दिन चाँदी डिब्बी में गल्ले अथवा तिजोरि मॆ रखने से व्यापार अपूर्व तेजी से चलने लगता है।
 ११॰ शुद्ध गोरोचन पीले कपड़े मॆ बाँधकर अपने पास रखने से सम्मोहन शक्ति बढ़ती है और निरंतर धन का आवागमन होता रहता है और कर्ज से मुक्ति मिलती है। पूर्णमासी के दिन सिद्ध गोरोचन को पीस कर चन्दन और केसर मिलाकर तिलक करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर हो होती है और गजब की सम्मोहन शक्ति बढ़ती है।

No comments:

Post a Comment